कजरी तीज हर साल देश भर में धूमधाम से मनाई जाती है। यह हिंदू त्योहार रक्षाबंधन के कुछ दिन बाद मनाया जाता है। महिलाएं अपने पतियों की दीर्घायु और समृद्धि के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कजरी तीज का व्रत रखती हैं। इसके अलावा, विवाहित और अविवाहित महिलाएं भी इस दिन को विशेष भक्ति और आदर से मनाती हैं।
कजरी तीज 2024 की तिथि: इस साल, कजरी तीज 22 अगस्त को मनाई जाएगी।
हिंदू पौराणिक कथाओं में एक प्रमुख त्यौहार, कजरी तीज मुख्य रूप से उत्तरी भारत, खासकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार राज्यों में मनाया जाता है। यह सावन के मानसून महीने के बाद आने वाले भाद्रपद महीने में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि भगवान शिव की कृपा पाने और उनसे विवाह करने की अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए, देवी पार्वती ने 108 वर्षों तक कठोर तपस्या की थी। इसलिए, सफल विवाह और अच्छे पति का आशीर्वाद पाने के लिए महिलाएं इस व्रत का पालन करती हैं।
कजरी तीज व्रत 2024 पूजा शुभ मुहूर्त और तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 21 अगस्त 2024 को शाम 5 बजकर 6 मिनट से होगा। तृतीया तिथि समाप्त 22 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 46 पर होगी। इस साल कजरी तीज का व्रत 22 अगस्त 2024, गुरुवार को रखा जाएगा। 22 अगस्त को चंद्रोदय रात 8 बजकर 20 मिनट पर होगा।
कजरी तीज पूजा सामग्री लिस्ट
दीपक, घी, तेल, कपूर, अगरबत्ती, पीला वस्त्र, हल्दी, चंदन, श्रीफल,गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद, पंचामृत, कच्चा सूता, नए वस्त्र, केला के पत्ते, बेलपत्र, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, सुपारी, कलश, भांग, धतूरा, दूर्वा घास आदि पूजा सामग्रियां। माता पार्वती के लिए हरे रंग की साड़ी, चुनरी, बिंदी, चूडियां, कुमकुम, कंघी, बिछुआ, सिंदूर और मेहंदी आदि सुहाग की चीजें।
कजरी तीज 2024: महत्व
हिंदू विवाहित महिलाएं कजरी तीज मनाती हैं, जिसे कजली तीज, बड़ी तीज, बूढ़ी तीज या सातुड़ी तीज भी कहा जाता है, यह उनके पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना के लिए एक प्रमुख अवसर है। महिलाएं अपने हाथों और पैरों पर मेहंदी की रस्में निभाती हैं और इस दिन देवी पार्वती का सम्मान करती हैं। कजरी तीज पर महिलाएं सख्त व्रत रखती हैं और अविवाहित महिलाएं पति पाने के लिए इसमें भाग लेती हैं। देवी पार्वती की कृपा पाने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए वे उन्हें श्रृंगार की चीजें भेंट करती हैं।
कजरी तीज अनुष्ठान
- महिलाएं सुबह जल्दी उठती हैं, सुंदर गाउन या साड़ी पहनती हैं और चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी, आभूषण और अन्य श्रृंगार सामग्री से सजती हैं।
- वे प्रातःकाल से लेकर चंद्रोदय तक चलने वाले कठोर उपवास के दौरान भोजन और तरल पदार्थों से परहेज करते हैं।
- दिन के समय देवी पार्वती को भोग प्रसाद और मिठाई खिलाई जाती है।
- शाम को महिलाएं नीम के पेड़ की पूजा करने के लिए एकत्रित होती हैं, फल, मिठाई, मेंहदी, कुमकुम, चावल और हल्दी चढ़ाती हैं। इस अनुष्ठान के तहत वे कजरी तीज कथा का पाठ करती हैं।
- कुछ महिलाएं नीम के पेड़ की पूजा करने के बजाय चंद्रमा को जल अर्पित कर अपना व्रत खोलती हैं।
- महिलाएं चंद्रमा को जल अर्पित करने के बाद सात्विक घर का बना भोजन खाकर अपना व्रत तोड़ती हैं।
Kajari Teej Wishes
आया रे आया कजरी तीज का त्योहार
मिलकर गाएं गीतों की मल्हार
सबको मिले खुशियां और धन अपार
फैलता रहे बस प्यार ही प्यार.
कजरी तीज के पावन पर्व पर,
आपकी मनोकामनाएं पूर्ण हों,
आपकी जोड़ी सदा बनी रहे,
हर संकट का नाश हो.
आज माता पार्वती को चढ़ाएं सुहाग की निशानी
मन चाहा आशीर्वाद देंगे बाबा औघड़ दानी
कजरी तीज की शुभकामनाएं
कजरी तीज का पावन त्योहार है,
सुहागन ने किया सोलह श्रृंगार है
रहें सदा सुहागन आप
माता पार्वती से यही हमारी गुहार है
हल्की-हल्की फुहार है, यह भादों की बहार है
सहेलियों संग करें पूजा, आज तीज का त्योहार है
सोने का रथ, चांदी की पालकी
बैठकर जिसमें माँ पार्वती हैं आईं
देने आपके परिवार को कजली तीज की बधाई
भादों की बहार में भगवान की कृपा हो अपार
मुबारक हो आपको कजरी तीज का त्योहार.
फूल खिले हैं बागों में
बारिश की है फुहार,
सुख, समृद्धि और सफलता लाए
प्यार भरा सातुड़ी तीज का त्योहार